The Full Story

TEACHING SANSKRIT

SANSKRIt

Sanskrit is the basis of Sanatana Dharma and the origin and foundation of many languages in India today

Achievements

Today, the students coming out of this school are serving in different parts of the country and in different departments and many students are serving the society by going to the fields of Bhagwat etc., astrology and worship etc. like Dharnidhar Joshi, Vijay Badola etc. They have become a part of the Indian Army by holding the post of Guru (Junior Commissioned Officer). Similarly, Dr. Deepak Navani, Pankaj Mamgaini, Anoop Kukreti, Naveen Mamgaini, Manyak Sundriyal, Totaram, Sandeep Pant, Bhuvanesh, Mahendra, Ashish Juyal, etc. They are providing their services in the education sector.
Similarly, Vinod Mamgani, Sunil, Sudhashun Juyal etc. are engaged in the field of astrology and rituals, Vikas Pant, Pramod Joshi, Sunil Pokhriyal, Ajit Bhatt, Sanjay Baluni, Deepak Joshi, Sumit Joshi, Sumit Pant, Vikas Pant and Manoj etc. and a large number of other students are rendering their services in the field of Bhagwat Katha and music.
In the initial years, there was a huge lack of resources in the school, even there was no proper arrangement for food for the students. Only two teachers, Mr. Anasuya Prasad Sundriyal and Naveen Juyal, with the help of the then management committee, tried to somehow take the school forward in difficult circumstances. Today, by the grace of Bhagwati Bhuvaneshwari, many generous donors are joining the school and making important contributions in the continuous progress of the school. Many Donars are continuously giving their support in adding resources to the school. In the initial times, there was no arrangement for toilets. Today, with support from Mr. Wadhwa, a gleaming two-storey toilet is available. Also, there is a kitchen with good facilities and good tiles for the food of the students. There is open space available. Fans and wall clocks have also been installed in the hostel rooms of the students. Similarly, in the past, there was a shortage of textbooks for the students, every year students New books are ordered according to the requirements of Students
Generally, most of the students in Sanskrit schools come from poor families, hence there was a lack of warm clothes, shoes and bedding. Today, with the help of various generous donors, all these shortcomings of the students are fulfilled, not only this, from time to time, Arrangements are also made for milk and fruits etc. Today, 6 cows and 6 calves are available in the cow shed near the school.
Special achievements of the school at different times In the various competitions organized by Uttarakhand Sanskrit Academy till now in 2008, there has been excellent performance in the entire state. In 2008, he got first place in Sanskrit Drama, second place in Sanskrit Improvisation and third place in Sanskrit Shlokantyakshri. Similarly, in the year 2009, he got first place in Drama and Sanskrit Improvisation. In 2010, he got first place in Sanskrit Drama and third place in Improvisation and Sanskrit Debate. Place. In the year 2011, he got first position in Sanskrit Ashubhasham, second position in debate and third position in drama. In the year 2013, he got first position in third Shlokantyakshari in Sanskrit Natam. Similarly, in the year 2015, he got first position in Sanskrit drama and second position in Ashubhasan. Year 2016 Got second place in Shlokantyakshari and Ashubhashan and third place in debate. In 2017, got second place in Ashubhashan. In 2018, first place in drama, got second place in Ashubhashan, similarly in the year 2019, got first place in third debate in Sanskrit drama. Got second position in Sanskrit dance and second position in elocution. As a result of the excellent performance of this school at the state level, district Pauri also received Chalvaijanti award for the best district twice. The students of the school also participated in Sanskrit drama at the state and national level.
In the district sports competitions in the year 2021 and 22, the school had the best performance in the entire district and in both the above mentioned years the school received the Chalvaijanti award for the best school.
The students of the school have always had an excellent position in the board examinations conducted by the Uttarakhand Sanskrit Shiksha Parishad. Most of the students get first division and place in the top list of the state.
Class Uttarmadhyam 2nd year (10)
2011 Sandeep Pant. first in the state
2012 Neeraj Nautiyal second in the state
2013 Vikas Pant ranked in state top ten
2014 Sagar Devrani 10th in the state
2016 Pradeep Badthwal first in the state
Place in 2017 Gaurav Bhatt State Top List
2020 Anurag Badola first in state top list
2022 Mayak Dhasmana State fifth in top list
While in Uttarmadhyama Sun Aditya Todariya ranked third in the state top list in 2020 2022 Anurag Badola tops state list
In 2023, Ajay secured first position in the state top list.
इस विद्यालय से निकले हुए छात्र आज देश के विभिन्न हिस्सों में तथा विभिन्न विभागों मे अपनी सेवा दे रहे हैं तथा बहुत सारे छात्र भागवत आदि एवम ज्योतिष तथा पूजा पाठ आदि मेें क्षेत्रों मे जाकर समाज की सेव कर रहे हैं यथा धरणीधर जोशी विजय बडोला आदि धर्म गुरू(जूनियर कमिशन्ड आफिसर) के पद पर आसीन होकर भारतीय सेना का अंग बने हैं।इसी प्रकार डा.दीपक नवानी, पंकज ममगाँई, अनूप कुकरेती, नवीन ममगाँई, मंयक सुन्द्रियाल , तोताराम , सन्दीप पंत, भुवनेश, महेन्द्र , आशीष जु़याल, आदि शिक्षा क्षेत्र में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं।इसी प्रकार विनोद ममगांई, सुनील , सुधाशुं जुयाल आदि ज्योतिष व कर्मकांड के क्षेत्र में संलग्न हैं, विकास पन्त, प्रमोद जोशी, सुनिल पोखरियाल , अजीत भट्ट, संजय बलूनी, दीपक जोशी, सुमित जोशी , सुमित पन्त, विकास पन्त तथा मनोज आदि बडी संख्या मे कुछ और छात्र भागवत कथा व संगीत के क्षेत्र मे अपनी सेवाएँ दे रहे हैं।
प्रारम्भिक वर्षों मे विद्यालय में संसाधनो का बडा अभाव था यहां तक की छात्रों की भोजन की भी उचित व्यवस्था नहीं थी मात्र दो अध्यापक श्रीमान अनसुया प्रसाद सुन्दरियाल एवम नवीन जुयाल ने तत्कालीन प्रबन्धन समिति के सहयोग से कठिन परिस्थितियों मे किसी तरह विद्यालय को आगे बढाने का प्रयास जारी रखा आज भगवती भुवनेश्वरी की कृपा से बहुत सारे दानी महानुभाव विद्यालय से जुडकर विद्यालय को निरन्तर आगे बढाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।दिनमे से मुख़्य राजीव जी, नवदीप जी, अरविन्द जी, जयदीप जी , बधवा जी विशेष रूप से विद्यालय में संसाधनो को जोडने मे लगातार अपना सहयोग दे रहे हैं।प्रारम्भिक समय मे शौचालयों की भी कोई व्यवस्था नही थी आज उपरोक्त महानुभों के सहयोग से चमचमाता हुवा दो मंजिला शौचालय उपलब्धहै।साथ ही अच्छी सुविधावों से युक्त रसोईघर व छात्रें के भोजन के लिए अच्छि टाईलों से निर्मित खुली जगह उपलब्ध है।छात्रों के छात्रावास कक्षों मे फैन व दीवार घडी भी दानी महानुभावों के सहयोग से कर दी गयी है ।इसी प्रकार पूर्व मे छात्रों के पास पाठ्यपुस्तकों का भी अभाव बना रहता था आज दानी महानुभावों के सहयोग से हर साल छात्रों के की संख्या के अनुसार ऩयी पुस्तकें मंगायी जाती हैं
सामान्यत: संस्कृत विद्यालयों में अधिकांश छात्र गरीब परिवारों से आते हैं अत: गर्म वस्त्र , जूते व बिस्तरहैं।दि का भी अभाव रहता था आज विभिन्न दानी महानुभावों के सहयोग से छात्रों की ये सभी कमियां भी पूरी की जाती हैं यही नही समय समय पर छात्रों को लिए दूध व फल आदि की भी व्यवस्था की जाती है।आज विद्यालय के पास गौशाला मैं 6 गाय व 6 बछडे उपलब्ध हैं।
विभिन्न समयों पर विद्यालय की विशेष उपलब्धियां उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में सन 2008 अब तक हुई प्रतियोगिताओं में पूरे प्रदेश में सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन रहा है। 2008 में संस्कृत नाटक मे प्रथम स्थान संस्कृत आशुभाषण में द्वितीय स्थान व संस्कृतश्लोकान्त्याक्षरी में तृतीय स्थान प्राप्त किया इसी प्रकार वर्ष 2009 मे नाटक मे प्रथम स्थान संस्कृत आशुभाषण मे प्रथम स्थान प्राप्त किया।2010 में संस्कृत नाटक मे प्रथम व आशुभाषण एवम संस्कृत वाद विवाद मे तृतीय स्थान।वर्ष 2011 मे संस्कृत आशुभाषम मे प्रथम वाद विवाद में द्वितीय व नाटक मे तृतीय स्थान प्राप्त किया।वर्ष 2013 में संस्कृत नाटम मे तृतीय श्लोकान्त्याक्षरी मे प्रथम स्थान प्राप्त किया इसी प्रकार वर्ष2015 मे संस्कृत नाटक मे प्रथम व आशुभाषण मे द्वितीय स्थान।सन 2016 मे श्लोकान्त्याक्षरी व आशुभाषण मे द्वितीय स्थान व वाद विवाद में तृतीय स्थान प्राप्त किया।2017 मे आशुभाषण मे द्वितीय स्थान प्राप्त किया।2018 में नाटक मे प्रथम स्थान आशुभाषण में द्वितीय स्थान प्राप्त किया इसी प्रकार वर्ष 2019 मे संस्कृत नाटक मे तृतीय वाद विवाद मे प्रथम स्थान संस्कृत नृत्य मे द्वितीय स्थान व आशुभाषण मे द्वितीय स्थान प्राप्त किया।इस विद्यालय के राज्यस्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के फलस्वरूप जनपद पौडी को दो बार सर्वोत्कृष्ट जनपद का पूरूष्कार चलवैजन्ती भी उपलब्ध हुई। विद्यालय के छात्रों का संस्कृत नाटक मे राज्य के बात राष्ट्रीय स्तर पर भी किया प्रतिभाग।
जनपदीय क्रीडा प्रतियोगिताओं में वर्ष 2021 व 22में विद्यालय का पूरे जनपद में सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन रहा तथा उपरोक्त दोनो वर्षों में विद्यालय को सर्वोत्कृष्ठ विद्यालय का पुरूस्कार चलवैजन्ती प्राप्त हुई।

उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा परिषद् द्वारा आयोजित बोर्ड परीक्षा मे विद्यालय को छात्रों का हमेशा उत्कृष्ट स्थान रहा है अधिकांश छात्र प्रथम श्रेणी के साथ प्रदेश टाप की सूची मे स्थान प्राप्त करते हैं
कक्षा उत्तरमध्यमा द्वितीय वर्ष (10 ) मे सन
2011 सन्दीप पन्त. प्रदेश में प्रथम
2012 नीरज नौटियाल प्रदेश मे द्वितीय
2013 विकास पन्त प्रदेश टाप टेन में स्थान
2014 सागर देवरानी प्रदेश मे दसवाँ
2016 प्रदीप बडथ्वाल प्रदेश मे प्रथम
2017 गौरव भट्ट प्रदेश टाप सूची मे स्थान
2020 अनुराग बडोला प्रदेश टाप सूची मे प्रथम
2022 मंयक धस्माना प्रदेश टाप सूची मे पंचम
जबकि उत्तरमध्यमा मे सन
2020 मे आदित्य टोडरिया ने प्रदेश टाप सूची मे तृतीय स्थान
2022 अनुराग बडोला ने प्रदेश टाप सूची मो प्रथम
2023 मे अजय ने प्रदेश टाप सूची मे प्रथम स्थान प्राप्त किया